कम्प्यूटर मेमोरी क्या है तथा कितने प्रकार की होती है? - satik information


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Satik information में आपका स्वागत है। अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर (software) क्या है?, What is memory in computer,Computer Memory in Hindi,Memory Kya hoti h in Hindi,Computer memory units,types of computer memory, primary memory kya hai, essay on computer memory.

तो आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़िए, यह आर्टिकल आप के लिए ही लिखा गया है।

कम्प्यूटर (computer) या किसी system device को चलाने या काम करने योग्य बनाने के लिए कुछ सहायक उपकरणों तथा प्रोग्राम्स (Programs) की जरूरत होती है, उनमें से ही एक मेमोरी भी है जिसका इस्तेमाल कम्प्यूटर (computer) पर किसी कार्य को करते समय  डेटा या किसी फाइल को save करने में किया जाता है।


कम्प्यूटर मेमोरी क्या है तथा कितने प्रकार की होती है? - satik information
कम्प्यूटर मेमोरी क्या है तथा कितने प्रकार की होती है? - satik information


मेमोरी क्या है? - What is memory

कार्य करते समय कम्प्यूटर (computer) में डेटा (data) को स्टोर करने के लिए मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है। या हम सीधे शब्दों में कहना चाहें तो कह सकते हैं 

मेमोरी वह रिक्त space या स्थान है जिसे हम अपने कम्प्यूटर पर कार्य करते समय अपने डॉक्युमेंट्स, फाइल, फोटो तथा वीडियो को save या संरक्षित करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

मेमोरी कितने प्रकार की होती है? - type of memory 

स्‍पेस के आधार पर कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) चार प्रकार की होती है -

रजिस्टर मेमोरी क्या है? - What is register memory in computer

रजिस्टर मेमोरी (Register Memory) को रजिस्‍टर भी कह सकते हैं, रजिस्टर मेमोरी कंप्यूटर में सबसे छोटी और सबसे तेज मेमोरी होती है, रजिस्टर मेमोरी का साइज 16, 32 और 64 Bit का होता है आप तो जानते हैं सीपीयू में कोई डेटा स्‍टोर नहीं होता है, रजिस्टर मेमोरी (Register Memory) आकार में बहुत छोटी लेकिन सीपीयू ( CPU) द्वारा बार-बार इस्तेमाल होने वाले डेटा निर्देश (Data instruction) और मेमोरी (Memory) के पता को अपने अंदर अस्‍थाई रूप से स्‍टोर कर लेती है।

कैश मेमोरी क्या है? - What is cache memory in computer

कैश मेमोरी (Cache Memory) चाहे आपके एंड्रॉयड फोन (Android phone) की हो या कंप्‍यूटर (Computer) की हो वह कोई भी कार्य अत्‍यधिक तेजी से करती है, असल में कैश मेमोरी (Cache Memory) आकार में बहुत छोटी लेकिन कंप्‍यूटर की मुख्‍य मेमोरी से बहुत ज्‍यादा तेज होती है, इसे सीपीयू की मैमोरी (Memory) भी कहा जाता है जिन प्रोग्राम (Programs) और निर्देशों (Instructions) का बार-बार इस्‍तेमाल किया जाता है उनको कैश मेमोरी (Cache Memory) अपने अंदर सुरक्षित कर लेती है, प्रोसेसर कोई भी डाटा प्रोसेस करने से पहले कैश मेमोरी (Cache Memory) को चैक करता है और अगर वह फाइल उसे वहां नहीं मिलती है तो उसके बाद वह रैम यानि प्राइमरी मेमरी को चैक करता है तो इस प्रकार आपका कंप्‍यूटर (Computer) तेजी से कार्य करता है।

प्राथमिक मेमोरी क्या है? - What is primary memory in computer

प्राथमिक मेमोरी को मुख्य मेमोरी (Main Memory) भी कहते हैं, कम्प्यूटर इसी मेमोरी पर कार्य करता है। इसमें जिन कार्यक्रमों का संपादन करना है तथा उनके संपादन के लिए प्रयोग में आने वाले डेटा को स्टोर करके रखा जाता है। यह आंतरिक मेमोरी (Internal Memory ) होती है , जो कि आपके कंप्यूटर के अंदर पाई जाती है।

इसके दो भाग होते हैं :

रैम क्या है? – What is RAM

 रैम (Ram) को रैंडम एक्सेस मेमोरी (Randam Access Memory) भी कहते हैं। इस मेमोरी (Memory) को कंप्‍यूटर की अस्‍थाई मेमोरी भी कहते हैं इसमें कोई भी डेटा स्‍टोर (Data Store) नहीं रहता है जब तक कंप्‍यूटर ऑन रहता है तब तक रैम में डेटा (Data) या प्रोग्राम (Program) अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है और कंप्‍यूटर प्रोसेसर आवश्‍यक डाटा प्राप्‍त करने के लिये इस डेटा का उपयोग करता है और जैसे ही आप कम्‍यूटर शट डाउन (Shutdown) करते हैं वैसे ही सारा डेटा डिलीट (Data Delete) हो जाता है इस रैम को वोलेटाइल मेमोरी (Volatile Memory) भी कहते हैं।

रैम  कितने प्रकार की होती है? - type of RAM

रैम तीन प्रकार की होती है -

1- डायनेमिक रैम (Dynamic RAM)

इसे डीरैम ( DRAM ) के नाम से जाना जाता है, डीरैम में डाटा मेमोरी सेल (Data Memory Cell) में स्‍टोर होता है, प्रत्‍येक मेमोरी सेल में एक ट्रांजिस्टर (Transister) और एक कैपेसिटर (Capister) होता है, जिसमें थोडा थोडा डाटा स्‍टोर किया जाता है लेकिन लगभग 4 मिली सेकेण्‍ड बाद मेमोरी सेल नियंत्रक मेमोरी को रिफ्रेश करते रहते हैं रिफ्रेश करने का अर्थ है कि वह डाटा को रीराइट (Rewrite) करते हैं, इसलिये DRAM काफी धीमी होती है, लेकिन यह अन्य मेमोरी के मुक़ाबले कम बिजली खाती है और लंबे समय तक खराब नहीं होती है।

2- सिंक्रोनस रैम (Synchronous RAM)

सिंक्रोनस रैम DRAM से ज्‍यादा तेज होती है वजह है कि यह DRAM से ज्‍यादा तेजी से रिफ्रेश होती है, सिंक्रोनस रैम सीपीयू क्लॉक स्पीड के साथ रिफ्रेश होती है, इसलिये ज्‍यादा तेजी से डाटा स्थानांतरित कर पाती है 

3- स्‍टैटिक रैम (Static RAM)

इसे SRAM के नाम से जाना जाता है, Static RAM कम रिफ्रेश होती हैं लेकिन यह डाटा को मेमोरी (Memory) में अधिक समय तक रख पाती है, यह डाटा को तब तक स्‍‍टोर रखती है जब तक सिस्‍टम को करंट मिलता रहता है यह बहुत तेजी से डाटा को Access करती है स्‍टैटिक रैम (Static RAM) को जब तक रिफ्रेश नहीं किया जाता तब तक डाटा स्टोर (Store) रहता है इसे कैश रैम (Cache Ram) भी कहते हैं

रोम क्या है? – What is rome

रोम(ROM) को रीड ओनली मेमोरी (Read Only Memory) भी कहते हैं। यह एक अस्‍थाई मेमोरी है रोम का पूरा नाम रीड ऑनली मेमोरी होता है, इसको तैयार करते समय जो डेटा या प्रोग्राम (Data or program) डाले जाते हैं वो खत्म नहीं होते हैं कंप्यूटर का स्विच ऑफ होने के बाद भी रोम में संग्रहित डाटा नष्ट नहीं होता हैं, जब हम अपने कम्प्यूटर (computer) को चालू करते हैं तब रोम सूचनाओं को क्रियान्वित करती है तथा BIOS Booting के समय कंप्यूटर को चालू करती है, इसे Non-volatile Memory भी कहते हैं। 

रोम (ROM) कितने प्रकार की होती है ? - Types of ROM

रोम (ROM) तीन प्रकार की होती हैं -

1- PROM (Programmable Read Only Memory)

PROM का पूरा नाम प्रोग्राममेबल रीड ऑनली मेमोरी है इसमें में केवल एक बार ही डाटा स्‍‍‍टोर किया जा सकता है यानि इसे मिटाया नहीं जा सकता है और ना ही बदला जा सकता है।

2- EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)

EPROM का पूरा नाम Erasable Programmable Read Only Memory है यह प्रोम (PROM) की तरह ही होता है लेकिन इसमें संग्रहित प्रोग्राम (Store Program) को पराबैगनी किरणों (Ultraviolet rays) के द्वारा ही मिटाया जा सकता है और नए प्रोग्राम संग्रहित (Store) किये जा सकते हैं। 

3- EEPROM (Electrical Programmable Read Only Memory)

EEPROM का पूरा नाम Electrical Programmable Read Only Memory होता हैं, एक नई तकनीक इ-इप्रोम (EEPROM) भी है जिसमे मेमोरी से प्रोग्राम को विधुतीय विधि से मिटाया जा सकता है तथा नए प्रोग्राम (Programs) को संग्रहीत किया जा सकता है। 

द्वितीयक मेमोरी क्या है? – What is secondary memory

द्वितीयक मेमोरी (Secondry storage memory ) को auxiliary storage device भी कहते हैं। यह कम्प्यूटर (computer) का भाग नहीं होती है, यह वाह्य (External) स्टोरेज डिवाइस के रूप में प्राप्त होती है। इसका प्रयोग बैकअप (Backup) के लिए किया जाता है , इसकी स्टोरेज क्षमता अधिक होती है, लेकिन डेटा एक्सेस (access) करने की गति (Speed) प्राथमिक मेमोरी (Primary memory) से धीमी होती है। डेटा को एक्सेस करने के आधार पर इन्हें तीन भागों में विभाजित किया गया है:

1. Sequential Access storage device –

 इस क्रिया में स्टोरेज डेटा (Storage data) को उसी क्रम में एक्सेस किया जाता है जिस क्रम में स्टोर किया जाता है।

इसका उदाहरण चुंबकीय टेप है।

2. Intex Sequential Access storage method – 

इस डेटा को Sequential Access method से ही एक्सेस किया जाता है लेकिन इसमें डेटा को स्टोर करते समय एक इंडेक्स तैयार कर लिया जाता है।

3. Direct access method – 

डेटा को किसी भी क्रम में एक्सेस किया का सकता है तथा किसी भी क्रम में डेटा को स्टोर किया का सकता है इसकी एक्सेस गति सीरियल एक्सेस की तुलना में अधिक होती है।

 

बाह्य स्टोरेज डिवाइस के प्रकार - Types of external storage device

 कंप्यूटर में आपकी जानकारी को विभिन्न तरीकों से संग्रहीत करने की क्षमता होती है। इन सभी अलग-अलग तरीकों के लिए एक विशिष्ट भंडारण उपकरण की आपको और आपके कंप्यूटर। (computer) को आवश्यकता होती है। आपने अपने कंप्यूटर पर विभिन्न भंडारण उपकरणों का उपयोग किया है। हो सकता है आपने ध्यान बा दिया हो या आपको समय पर इसका एहसास न हुआ हो। ज़िप ड्राइव और फ्लॉपी डिस्क के माध्यम से भंडारण अब पुराना हो चुका है। कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं (computer users) के लिए बड़ी मात्रा में डेटा संग्रहीत करने के लिए कई नए समाधनों का अब इस्तेमाल होने लगा है।

कंप्यूटर के लिए विभिन्न भंडारण उपकरण निम्न प्रकार हैं:


सॉलिड स्टेट ड्राइव (Solid state Drive)

एक सॉलिड-स्टेट ड्राइव (SSD) कंप्यूटर में उपयोग होने वाली स्टोरेज डिवाइस की एक नई पीढ़ी है।  SSDs फ्लैश-आधारित मेमोरी का उपयोग करके पारंपरिक मैकेनिकल हार्ड डिस्क की जगह पर उपयोग की जाती हैं, जो कि काफी तेज है।  पुरानी हार्ड-डिस्क स्टोरेज टेक्नोलॉजी धीमी चलती हैं, जो अक्सर आपके कंप्यूटर को चलाने की तुलना में धीमी बना देती है।  SSDs अपने कम पढ़ने-पहुंच समय और तेजी से थ्रूपुट के कारण कंप्यूटर की गति को काफी तेज कर देते हैं।  

 हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)

हार्ड डिस्क ड्राइव का विकास कम्प्यूटर (computer) में डेटा (data) को स्टोर करने के लिए बनाया गया है। यह एक चुंबकीय डिस्क होती है। आप अपने कम्प्यूटर (computer) में जो भी डाउनलोड करते हैं, आपके द्वारा इंस्टॉल किए गए एप्लिकेशन (apps), आपके चित्र (Photo), वीडियो (video) और संगीत (music) सभी सीधे आपकी हार्ड ड्राइव पर संग्रहीत होते हैं। मूल रूप से, आपके कंप्यूटर पर जो कुछ भी है वह आपके आंतरिक हार्ड ड्राइव में संग्रहीत है। गीगाबाइट में आंतरिक हार्ड ड्राइव की क्षमता को मापा जाता है। डिस्क की प्लेट में ट्रैक (track) और सेक्टर (sector) होते हैं। सेक्टर में डेटा स्टोर होती है, एक सेक्टर में 512 बाइट डेटा स्टोर होती है। साथ ही, आंतरिक कंप्यूटर हार्ड ड्राइव में अलग गति होती है जैसे कि 5400RPM और 7200RPM। यह रीडिंग वह गति है जिसमें हार्ड ड्राइव डिस्क घूमती है। एक तेज़ हार्ड ड्राइव में उच्च RPM होगा। जितनी तेजी से हार्ड ड्राइव घूमती है, उतनी ही तेजी से आपकी हार्ड ड्राइव डेटा पढ़ सकती है, साथ ही डेटा भी लिख सकती है। इसका प्रयोग बैकअप के लिए भी किया जाता है।

क्लाउड स्टोरेज (Cloud storage)

क्लाउड स्टोरेज कंप्यूटर डेटा स्टोरेज का एक मॉडल है जिसमें डिजिटल डेटा को लॉजिकल पूल में स्टोर किया जाता है, जिसे "क्लाउड" कहा जाता है। भौतिक भंडारण कई सर्वरों (कभी-कभी कई स्थानों पर) में फैला होता है, और भौतिक वातावरण आमतौर पर एक होस्टिंग कंपनी द्वारा स्वामित्व और प्रबंधित होता है। ये क्लाउड स्टोरेज प्रदाता डेटा को उपलब्ध और सुलभ रखने और भौतिक पर्यावरण को संरक्षित और चलाने के लिए जिम्मेदार हैं। उपयोगकर्ता और संगठन, या एप्लिकेशन डेटा संग्रहीत करने के लिए लोग और संगठन प्रदाताओं से भंडारण क्षमता खरीदते हैं या पट्टे पर देते हैं।

क्लाउड स्टोरेज सेवाओं को कॉलोकेटेड क्लाउड कंप्यूटिंग सेवा, वेब सेवा एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस (एपीआई) या एपीआई का उपयोग करने वाले अनुप्रयोगों जैसे क्लाउड डेस्कटॉप स्टोरेज, क्लाउड स्टोरेज गेटवे या वेब-आधारित सामग्री प्रबंधन प्रणालियों के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।

 नेटवर्क अटैच्ड स्टोरेज / एनएएस सर्वर (NAS)

 कंप्यूटर भंडारण का एक अन्य सामान्य रूप नेटवर्क संलग्न भंडारण या एनएएस है। नेटवर्क संलग्न भंडारण आमतौर पर कंप्यूटरों के बीच फ़ाइलों को साझा करने के लिए व्यवसायों द्वारा उपयोग की जाने वाली एक विधि है। एक NAS बस एक भंडारण उपकरण है जो कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़ा है। यह फायदेमंद है क्योंकि कई कंप्यूटर एनएएस को पढ़ और लिख सकते हैं। नेटवर्क संलग्न भंडारण क्षमता को गीगाबाइट में मापा जाता है। इसके अलावा, NAS विभिन्न हार्ड ड्राइव गति के साथ उपलब्ध हैं।

 घर पर कई कंप्यूटर उपयोगकर्ता अक्सर अपने राउटर से बाहरी हार्ड ड्राइव को जोड़कर अपने स्वयं के एनएएस डिवाइस बनाते हैं। इससे वे इसे वायरलेस तरीके से एक्सेस कर सकते हैं, साथ ही इसे अन्य कंप्यूटरों के साथ साझा कर सकते हैं।

 ऑप्टिकल मीडिया स्टोरेज / ऑप्टिकल डिस्क

ऑप्टिकल डिस्क वे डिस्क होती हैं जिसमें डेटा को रीड और राइट (Read and write) करने के लिए लाइटों का प्रयोग किया जाता है इस डिस्क में एक रासायनिक पदार्थ का लेप रहता है।

इन्हें दो भागों में वर्गीकृत किया गया है:

1. सीडी (CD)

2. डीवीडी (DVD)

चुंबकीय टेप (Magnetic Tap)

यह प्लास्टिक का बना होता है। इस पर चुंबकीय तत्व की परत चढ़ी होती है। यह बड़ी चरखियों पर लिपटा होता है एवं रीड और राइट (Read and write) हैड डेटा को पढ़ने में हमारी मदद करता है। यह हैड आंकड़ों को लिखने में भी सक्षम होता है। टेप की चौड़ाई 0.5 इंच होती है इसमें 9 पथ होते हैं, यह एक रील , कैसेट अथवा अक छोटी बैटरी के रूप में खरीदी जा सकती है इसमें पाए जाने वाले डेटा को हम क्रमिक रूप से पढ़ सकते हैं।

कार्टेज टेप (Cartidge Tap)

इस टेप की चौड़ाई चुंबकीय टेप (Magnetic Tap) से कम होती है 1970 दशक के अंत में घरेलू कम्प्यूटरों (PC) में कॉम्पैक्ट कैसेट का प्रयोग किया जाता था।

फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)

फ्लॉपी एक पतली और लचीली डिस्क होती है, इस गोल प्लास्टिक की डिस्क पर मैगनेटिक पदार्थ की परत चढ़ी होती है, इस डिस्क को एक प्लास्टिक के कवर (Cover) में रखा जाता है, इसकी स्टोरेज क्षमता (Storage Capacity) 1.44 MB है तथा इस फॉरमैट (Format) करने के बाद इसमें आंकड़ों को स्टोर करने की क्षमता 1.2MB ही रह जाती है। फ्लॉपी की क्षमता को मेगाबाइट में मापा जाता है।

यूएसबी फ़्लैश ड्राइव (USB FLASH DRIVE)

 फ्लैश ड्राइव, या अंगूठे ड्राइव, कंप्यूटर भंडारण के नवीनतम रूपों में से एक हैं। यूएसबी फ्लैश ड्राइव को यूनिवर्सल सीरियल बस (Universal Serial Bus) भी कहा जाता है। ये ड्राइव USB के माध्यम से किसी भी कंप्यूटर से कनेक्ट होते हैं। अक्सर, छात्रों के साथ-साथ व्यावसायिक कार्यों, पाठ दस्तावेज़ों को काम से और स्कूल तक और परिवहन के लिए एक सरल तरीके के रूप में फ्लैश ड्राइव का उपयोग करते हैं। जब फ्लैश ड्राइव पहली बार जारी किए गए थे, तो भंडारण क्षमता सीमित थी। हालांकि, कंपनियां अब 64 जीबी तक की विशाल भंडारण क्षमता के साथ फ्लैश ड्राइव का निर्माण कर रही हैं। यूएसबी की क्षमता को गीगाबाइट में मापा जाता है।

एसडी कार्ड (SD Card)

SD कार्ड को हम Secure Digital card के नाम से भी जानते हैं इसमें आप डाटा स्टोर कर सकते हैं, यह Read और write मेमोरी स्टोरेज होती है और इसे आप डिलीट भी कर सकते हैं। यह आपको अलग-अलग साइज मिल जाएगा। जिसमें की

 (1) Full SD card

 (2) Mini SD card

 (3) micro SD card

आज के दौर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला SD card micro SD card है जिसको आप किसी भी मोबाइल में डाल कर इस्तेमाल (Use) कर सकते हैं।

कंप्‍यूटर मेमोरी को मापने की इकाई या यूनिट - Computer memory measuring unit

जिस प्रकार समय मापने के लिये सैकेण्‍ड, आवाज को नापने के लिये डेसीबल, दूरी को नापने के लिये मीटर, किलोमीटर और वजन को नापने के लिये ग्राम जैसे मात्रक हैं, इसी प्रकार कम्‍प्‍यूटर की दुनिया में स्‍टोरेज क्षमता को नापने के लिये भी मात्रकों का निर्धारण किया गया है, जिसे कंप्‍यूटर मेमोरी की इकाई या यूनिट कहते हैं।

कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) की सबसे छोटी इकाई होती है बिट (bit) एक बिट बाइनरी संकेत अर्थात 0 और 1 में से केवल एक युग्म मूल्य (binary value) होता है और जब चार बिट को मिला दिया जाता है तो उसे निब्‍बल (Nibble) कहते हैं यानी 1 निब्‍बल = 4 बिट बाइट (Byte) 8 बिट के एक समूह को बाइट कहते हैं।

सामान्‍यत जब आप एक अंक या अक्षर अपने कम्‍प्‍यूटर में टाइप करते हैं तो उसको एक बाइट से व्‍यक्‍त किया जाता है या सीधे शब्‍दों में कहें तो वह एक बाइट के बराबर जगह घेरता है। यानी 1 बाइट = 8 बिट = 2 निब्‍बल इस प्रकार लगभग 11099511627776 बाटइ के समूह को टैराबाइट कहा जाता है और एक टैराबाईट में लगभग 20 लाख MP3 को स्‍टोर किया जा सकता है।

1 बिट (bit) = 0, 1 (Binary Digits)

4 बिट (bit) = 1 निब्‍बल

8‍ बिट = 1 बाइट्स (Byte)

1000 बाइट्स (Byte) = एक किलोबाइट (KB)

1024 kilo Byte (KB) = एक मेगाबाइट (MB)

1024 Mega Byte (MB) = एक गीगाबाइट (GB)

1024 Giga Byte (GB) = एक टेराबाइट (TB)

1024 Terra Byte (TB) = एक पेंटाइट (PB)

1024 Peta Byte (PB) = एक एक्साबाइट (EB)

1024 Axa Byte (EB) = एक ज़ेटबाइट (ZB)

1024 Jetta Byte (ZB) = एक योटाबाइट (YB)

1024 Yotta Byte (YB) = एक ब्रोंटोबाइट

1024 Bronto Byte = एक जॉप बाइट (Geop Byte)

कम्प्यूटर (Computer ) मेमोरी को मापने की सबसे बड़ी इकाई या यूनिट Geop Byte है।

आज आपने क्या सीखा?

आज आपने इस article में कंप्यूटर मेमोरी क्या है?  (what is memory in computer ) , Computer Memory in Hindi,Memory Kya hoti h in Hindi,Computer memory units,types of computer memory, primary memory kya hai, essay on computer memory को जानिए हिंदी में, पढ़ा व सीखा है।

 अब भी आपको कम्प्यूटर मेमोरी क्या है तथा कितने प्रकार की होती है?  को लेकर कोई dout है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है में आपके dout को clear जरूर करूंगा , जबाव जरूर दूंगा।

Satik information को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्, अगर आपके पास हमारे लिए कोई सुझाव है तो कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं।


           

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